Monday, July 20, 2015

जीवन क्या है? (आपके विचार...)

कहते हैं परिवार एक सबसे पवित्र और भरोसे योग्य इकाई होती है, परन्तु इसी परिभाषा को जीते जीते जीवन के पचास वर्ष बिता दिए और अब तक सत्य के नज्दीक तक भी नही पहुंचा हूँ।

बचपन में माता पिता, भाई बहन, दादा दादी, चाचा चाची इत्यादी के साथ खेल्ने उनसे सीखने और अपनी मान्गों को पूरा कराने में ही बहुत प्रसन्नता होती थी। २० वर्ष शिक्षा को दे दिए और अब लगभग २५ वर्ष अपने परिवार को दे दिए। जीवन में जो चाहा वो किया और बच्चों को बहुत उच्च शिक्षा भी देने में सफल हुआ । इतना सब होने के बाद भी ऐसा लगता है के क्या किया। बहुत किताबें लिखी और पैसे भी काफी कमाए और वो सब कुछ भी किया जो एक व्यक्ति पैसे से कर सकता है पर अब ऐसा लग रहा है के जीवन बस एक छोटी सी घटना है और जीवन समाप्त होने के बाद कुछ नही है।

मैने ज्ञान लिया, आगे दिया, लोगों को सफल होते देखा और यश भी कमाया पर अब ऐसा प्रतीत होने लगा है के क्या जीवन एक बार फिर से शुरु हो सकता है क्योंकी मैं इस ज्ञान को लेकर फिर से बाल्यकाल में जाना चाहुंगा और जीवन फिर से शुरु करना चाहुंगा ।  आप लोग हँस रहे होंगे के ये कोई पागल है, जी मैं पागल ही हूँ क्योंकी मैं दुनिया के लगभग सात अरब पागलों के साथ् जीवन बिताता आया हूँ।

मैने कुछ शुरु किया है आप भी अपने पागलपन को मेरे साथ् बाँट ले और अपने पागलपन से कुछ लिख कर भेज दें। आपके विचारों को मैं बहुत ही सहज भाव से स्वीकार करुन्गा।

आपका

राजा शर्मा

No comments:

Post a Comment